नववर्ष “सुधाकर” 1 ” क्रूरता के वक्ष पर करुणा का भान हो, बन्दुक की नली में बांसुरी की तान हो, जाति धर्म भाषा से ऊंचा राष्ट्र महान हो ! 2 युद्ध का सिंधु खारा, क्षीरसागर हो शांति का, सत्य के श्रीविष्णु संग, अहिंसा उजागर श्रीलक्ष्मी का, विज्ञान धर्म की नींव पर,नव राष्ट्र का निर्माण […]
साहित्य
” राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर उनको समर्पित महेन्द्रनाथ गोस्वामी “सुधाकर” की कविता “
” विडम्बना “ “सुधाकर” (1) जिस दिन मतिभ्रष्ट समुदाय में एकवस्त्रा दूरग्नि का आवरण खींचकर हटाया गया था तब कोई बज्र नहीं गिरा न बिजली कड़की न आसमान ही रोया और न ही धरती की छाती फटी थी और तब नग्न अग्निशिखा अनावृता होकर प्रचण्डावेग से धधक उठी थी जिसकी आँच में नीति, अनुशासन, बुद्धि, […]
जीतिया (जीवित पुत्रिका व्रत) पर्व विशेष : सिर्फ पुत्र ही क्यों, पुत्रियों के लिए भी हो मंगलकामना
महेंद्रनाथ गोस्वामी “सुधाकर” संस्कृत के किसी कवि ने कहा है – “जायते हरेत दारा बृद्धमाने च हरेत धनं, मृयमान हरे प्राणम, पुत्र कुत्र सुखावह ?” अर्थात्- जन्म लेते ही पुत्र अपने पिता से उसकी पत्नी को छीन लेता है और वृद्ध हो जाने पर उसका अर्जित धन स्वयमेव उसके हाथ आ जाता है तथा दुर्योग […]
हजारीबाग में छपने वाली साहित्यिक पत्रिका “प्रसंग” का हुआ प्रकाशन
डाॅ बलभद्र ने गिरिडीह काॅलेज और आरके महिला काॅलेज के प्राचार्या को पत्रिका किया भेंट गिरिडीह। हजारीबाग से छपने वाली साहित्यिक पत्रिका प्रसंग का साल में दो बार संपादन कर चुके सहायक संपादक सह गिरिडीह कॉलेज के प्रो डॉ बलभद्र ने गिरिडीह कॉलेज के प्राचार्य डॉ अजय मुरारी और महिला कॉलेज की प्राचार्या डॉ पुष्पा […]
कथा शिल्पी शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की जयंती पर विशेष
शरतचन्द्र के सपनों का घर : सामताबेड़ का शरत कुटीर रीतेश सराक हुगली। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के देओल्टी रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर स्थित है सामताबेड़ ग्राम। जिसे अब लोग शरतचंद्र ग्राम के रूप में अधिक जानते हैं। इसी गांव में अवस्थित है शरतचंद्र के सपनों का घर। सुकून भरी जिन्दगी […]
विशेष : प्रकृति पर्व करमा के अवसर पर प्रभाकर का विशेष आलेख
प्रकृति पर्व करम और हमारा समाज बहुरंगी भाषा संस्कृति एवं लोक परम्पराओं से रचा-बसा हमारा प्रदेश झारखण्ड, जहाँ के लोगों ने सदियों से जल-जंगल-जमीन और प्रकृति के साथ अन्तरंग और अटूट रिश्ता बना रखा है. कठिन-कठोर मेहनत भरे जीवन के सुख-दुःख और ख़ुशी-गम के विविध मनोभाव कैसे जीवंत हो उठते हैं, इसे शाश्वत देखना हो […]
जामताड़ा के शिक्षक जयंतनाथ माजि को मिला राष्ट्रपति पुरस्कार
शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों मिला सम्मान गिरिडीह/जामताड़ा। शिक्षक दिवस पर गुरुवार को राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद जी जामताड़ा के शिक्षक जयंतनाथ माजि को उत्कृष्ट शिक्षक का राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में उन्हें मानपत्र, मैडल और पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया गया। श्री जयंत फिलहाल मिजोरम की […]
उपन्यास प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट ऑफ़ लाइफ का समारोहपूर्वक विमोचन
पर्यावरण समस्या को देखते हुए आदिल सिद्दीकी ने लिखा उपन्यास गिरिडीह। उभरते हुए लेखक आदिल सिद्दीकी के पहले उपन्यास प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट ऑफ लाइफ का विमोचन शनिवार को नगर भवन में समारोहपूर्वक किया गया। समारोह में बतौर अतिथि गिरिडीह के महापौर सुनील पासवान, उप महापौर प्रकाश सेठ, मोंगिया स्टील के चेयरमैन डॉ गुणवंत सिंह, […]
मन्नत : ईश्वर पर अटूट विश्वास का नजरिया
“मन्नत” प्रभाकर “क्या होगा इससे?” मन्नत की मौली बँधवाते हुए वह झुँझला गया था। “यहाँ कहते हैं कि जो भी मांग कर ये धागा बाँध लो वो मन्नत जरूर पूरी होती है।” “और तुमको इसपर यकीन है?” “यकीन न करने की कोई वजह भी नज़र नहीं आती। ” “ये बचपना है” “मैं बूढ़ी हुई ही […]
वर्तमान जल संकट : कृत्रिम या प्रकृति का कहर
मित्र-सहपाठियों संग एकांत स्थान पर बैठकर जब 90 के दशक से पहले और आज पर चिंतन करते हैं, तब एहसास होता है, हमने अपने स्वार्थ के लिए ग्लोबल वार्मिंग को न्योता भेजा और आने वाली पीढ़ी को बिना वृक्ष, बिना अन्न-पानी के अकाल मृत्यु की ओर धकेल रहे हैं। हम अपने मौजूदा संसाधनों का दोहन […]